मेरे कॉलेज मित्रों को समर्पित एक पोस्ट
यादों की पोटली समेत रहा था ,
सोचा आप को भी अतीत की खुशबू से महकाता चलूँ |
बीत गए साल वो रंगीन
अब शुरुआत हुई है जिन्दगी की संगीन |
बरसों से बुने सपनों को यथार्थ के धरातल पर
उतारने का समय आ गया |
ऐ दोस्त , अब तेरे और मेरे बिछड़ने का समय आ गया |
मंजिल की भाग - दौड़ में मशरूफ जरुर हो जाना पर मगरूर नहीं ,
कामयाबी के सफ़र में मशहूर हो जाना पर मजबूर नहीं |
जो कभी याद मेरी आये ,
चले आना ख्वाबों के अंजुमन में
यादो के शिकारे पर बैठ कर ,
दुःख को सुख में घोलकर पियेंगे ,
जिन्दगी के वो बीते पल फिर दिल खोलकर जियेंगे |
अब शुरुआत हुई है जिन्दगी की संगीन |
बरसों से बुने सपनों को यथार्थ के धरातल पर
उतारने का समय आ गया |
ऐ दोस्त , अब तेरे और मेरे बिछड़ने का समय आ गया |
मंजिल की भाग - दौड़ में मशरूफ जरुर हो जाना पर मगरूर नहीं ,
कामयाबी के सफ़र में मशहूर हो जाना पर मजबूर नहीं |
जो कभी याद मेरी आये ,
चले आना ख्वाबों के अंजुमन में
यादो के शिकारे पर बैठ कर ,
दुःख को सुख में घोलकर पियेंगे ,
जिन्दगी के वो बीते पल फिर दिल खोलकर जियेंगे |
~"नीरज"~
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