बुधवार, 20 जून 2012

 "सालगिरह मुबारक"


~हमारे अज़ीज़ मित्र दीपक आचार्य "गाफिल " के जन्मदिन पर उनको समर्पित  चंद अल्फाज़ ~


 



दीपक को सालगिरह मुबारक हो, साल के हर आज और कल मुबारक हो ,
हर शब् तेरी शुकून से गुजरे, हर सहर में तुझे सफलताओ का अम्बार मिले,
हर इन्सान हबीब मिले न तेरा कोई रकीब बने !
नए साल की नयी आगाज़ मुबारक हो, बुलन्दियो की हर परवाज़ मुबारक हो |
फलक तक तुम चलो, आसमा की सीढ़ी चढो ,
दुनिया की हर रहगुजर के राहबर बनो,
ता उम्र तालिब-ए-इल्म रहो, आलिम-फ़ाज़िल बनो ,
दिल तुम्हारा महल हो , दुखो से खुशियों का वसल बनो ,
सिराज (दीपक) तुम हो तो  हर महफ़िल को रोशन करो |
एक उम्दा इंतेखाब तुम बनो, लफ्जों का लुघत आगोश में भरो ,
हर मुबर्ज़त को सेहन करो |
हमारी इत्तिहाद (दोस्ती) पर नाज़ हो , सारी  कायनात पे तेरा राज़ हो ,

मुसीबत न कभी तुझसे मिले, न तू कभी उदास हो,
इस गुल-ए-रुख को सदा रोशन रखना ,
न जुल्मत मिले न गर्दिश से तेरा वास्ता हो ,
तेरी चश्म (आँखों) में सदा महताब मिले |
न मेरे पास हर्फ़ (शब्द) के समंदर है न अल्फाज़ मिल रहे है ,
लखत-ए-जिगर तुम मेरे यार हो ,
क्या तेरी तारीफ़ करू -" मेरे उम्दा राजदां सुखनवर हबीब जितना मयस्सर हो , तुझे सद-रंग आशना मिले |"
            "आमीन"



~"नीरज "~

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