जिन्दगी के सफ़र में ....!
जिन्दगी के सफ़र में जब तु चला है
तो याद रखना .............................
राहें लम्बी हैं,
कुछ मील पथरीली तो कुछ मील जहरीली हैं
सफ़र में तुझे रुसवाई मिलेगी
विफलताओ की बड़ी सी खाई मिलेगी
हर मोड़ पर नाकामयाबी की सराय मिलेगी
हर जोड़ के तोड़ पर वकील रायचंद की राय मिलेगी
बारिस, आंधी, तूफान हर रुत के सामान मिलेंगे
जायेगा जिस दिशा में बहुत से उलटे पाँव मिलेंगे
महफ़िल, महल , मकान सब कुछ आलिशान मिलेंगे
रुकना नहीं की तुझे हार के बहुत से सामान मिलेंगे
सफ़र लम्बा है, बढ़ते कदमो पर अपेक्षा के द्वार मिलेंगे
थके, सुस्त कदमो को विफलताओ के गुब्बार मिलेंगे
चुस्त, चालाक इरादों को सफलताओ के अम्बार मिलेंगे
ऐ मेरे यार, तुझे हर बार, बहुत से यार मिलेंगे
कुछ झूठ से लबालब, निराशा के शिकार मिलेंगे
कुछ सच के प्रहरी पहरेदार मिलेंगे
ठहरना नहीं किसी के कहने पर, ऐसे भी तुझे यार मिलेंगे
चलना जिन्दगी का सबब है, चलने पर ही जीत के दीदार मिलेंगे
रुके, ठहरे, सहमे मुसाफिर को तो बस श्मशान के द्वार मिलेंगे
~"नीरज"~