शनिवार, 26 मई 2012

  सोच कहाँ से लाऊं !



कागज़, कलम , इरादा सब है मेरे पास
पर वो शायर वाली सोच कहाँ से लाऊं |


शब्द, सार्थकता, साहित्य सब है मेरे पास
पर नज़्म का आगाज़ कहाँ से लाऊं |

जज्बा , जज़्बात, जोश सब है मेरे पास
पर तस्सवुर की परवाज़ कहाँ से लाऊं |

उनवान, उपमा, अलंकार सब है मेरे पास
पर मैं सांच की बात कहाँ से लाऊं |

~"नीरज"~

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